होम लोन के आवेदन को स्वीकार करते समय कर्जदाता(बैंक और फाइनेंस कंपनी) कई चीजों को ध्यान में रखते हैं. इनमें से प्रमुख आपकी आय और उस का स्रोत, उम्र, रिटायर होने की उम्र, प्रॉपर्टी की विशेषताएं और आपकी मौजूदा लोन का समय पर भुगतान शामिल है. कर्जदाताओं द्वारा तय की गई शर्तो को पूरा नहीं कर पाने से आपके होम लोन की ऐप्लीकेशन रिजेक्ट हो सकती है. आइए ऐसे तरीकों को जानते हैं, जिनकी मदद से आपके होम लोन की मंजूरी की उम्मीद बढ़ सकती है.
1)ज्यादा डाउन पेमेंट करना
RBI कर्जादताओं को प्रॉपर्टी के मूल्य का 75% से 90% तक को होम लोन के जरिए फाइनेंस करने की इजाजत देता है. प्रॉपर्टी की कीमत के बाकी बचे हिस्से की कीमत को कर्जदाता को अपने खुद के पास से डाउन पेमेंट के तौर पर देना होता है. ज्यादा डाउन पेमेंट के अपने फायदे होते हैं. पहला, लोन की कम राशि के होने से ईएमआई और ब्याज कम बैठेगी. इसके साथ, ज्यादा डाउन पेमेंट या करने से कर्जदाताओं के लिए क्रेडिट रिस्क घटेगा, जिससे कम ब्याज दर पर होम लोन की मंजूरी की संभावना बढ़ती है.
2)ज्वॉइंट होन लोन लें
जिन आवेदकों के पास अपर्याप्त आय, कम क्रेडिट स्कोर, ज्यादा ईएमआई आदि होती है, उनके होम लोन रिजेक्ट होने की संभावना ज्यादा रहती है. ऐसे आवेदकों को अपनी लोन की योग्यता को बढ़ाने के लिए परिवार के किसी सदस्य(भाई, माता, पिता, पत्नी) को-ऐप्लीकेंट के तौर पर शामिल करना चाहिए. ऐसे में प्राथमिकता उसे देनी चाहिए जिसकी स्थिर आय और अच्छा क्रेडिट स्कोर हो. लोन मंजूर होने की उम्मीद बढ़ने के अलावा इससे ज्यादा बड़ी लोन की राशि भी मिल सकेगी. इसके अलावा को-ऐप्लीकेंट के महिला होने से कुछ बैंक कम ब्याज दर पर भी होम लोन देते हैं.
3)लोन भुगतान की अवधि लंबी रखें
लोन की अवधि लंबी होने से आपकी ईएमआई घटेगी, जिससे आपकी लोन की योग्यता में भी इजाफा होगा. हालांकि, गैर-जरूरी बढ़ी हुई अवधि के होने से आपके होम लोन का कुल ब्याज बढ़ेगा. इसलिए, जो लोग होम लोन लेने की सोच रहे हैं उन्हें होम लोन कैलकुलेटर का इस्तेमाल करके अपनी पुनर्भुगतान की क्षमता के आधार पर लोन रिपेमेंट की अवधि देखनी चाहिए. ग्राहक बाद में अपनी ब्याज की कीमत को घटाने के लिए प्री-पेमेंट कर सकते हैं, जब उनके पास भविष्य में फंड मौजूद हो.
4)अलग-अलग बैंक और फाइनेंस कंपनी से होम लोन ऑफर की तुलना करें
होम लोन देने वालों के द्वारा होम लोन आवेदक के क्रेडिट रिस्क के मूल्यांकन के आधार पर ब्याज दर, प्रोसेसिंग फीस, लोन की अवधि और होम लोन से जुड़ी दूसरी कीमतें अलग हो सकती हैं. इसलिए होम लोन लेने से पहले आवेदकों को किसी कर्जदाता को चुनने से पहले जितने संभव हों, उतने बैंकों की तुलना कर लेनी चाहिए.
होम लोन देने वाले मौजूदा ग्राहकों को कम दर या बेहतर ऑफर पेश कर सकते हैं, इसलिए होम लोन आवेदकों को पहले उन कर्जदाताओ से संपर्क करना चाहिए, जिनके साथ उनका ग्राहक के तौर पर संबंध हो. इससे उन्हें आप को कम ब्याज दर, सही लोन की अवधि और पर्याप्त लोन की राशि के साथ बेस्ट होम लोन का ऑफर भी मिल सकता है.
5)अप्लाई करने से पहले अपने क्रेडिट स्कोर की जांच कर ले
क्रेडिट स्कोर सबसे अहम चीजों में शामिल है, जिन्हें कर्जदाता होम लोन प्रोसेस करते हुए देखते हैं. अच्छे क्रेडिट स्कोर, यानी 750 या ज्यादा होने से लोन की योग्यता बढ़ सकती है और ब्याज की दर भी कम होगी. इसलिए, आवेदकों को अप्लाई करने से पहले अपने क्रेडिट स्कोर की जाँच कर लेना चाहिए. इससे कम क्रेडिट स्कोर वालों को अपना स्कोर बेहतर करने के लिए कदम उठाने और फिर बेहतर क्रेडिट स्कोर के साथ लोन के लिए अप्लाई कर सकेंगे.